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मारुत ड्रोन्स को उत्पाद विकास और विनिर्माण क्षमताओं को मज़बूत करने के लिए सीरीज़ ए फ़ंडिंग में $6.2 मिलियन मिले
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भारत, 07 नवंबर, 2024: विनिर्माण, उत्पाद विकास और प्रशिक्षण के लिए डीजीसीए प्रमाणन वाली एक प्रमुख ड्रोन प्रौद्योगिकी कंपनी मारुत ड्रोनटेक प्राइवेट लिमिटेड ने, लोक कैपिटल से, सीरीज़ ए फ़ंडिंग में $6.2 मिलियन जुटाए हैं। मारुत ड्रोन प्रौद्योगिकी में नवाचार के क्षेत्र में सबसे आगे है और भारत में विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन को अपनाने के रुख को बढ़ावा देने के लिए एक मज़बूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर रहा है। मारुत ड्रोन में लोक कैपिटल का निवेश, तकनीक द्वारा सक्षम किये गए अभिनव खाद्य और कृषि व्यवसाय मॉडलों का समर्थन करने की इसकी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। मारुत की पहल का प्रभाव व्यक्तियों से कहीं आगे तक फैला हुआ है, यह सक्रिय दृष्टिकोण टियर 2 और 3 शहरों में बढ़ी हुई आर्थिक गतिविधि में तब्दील हो जाएगा, जिससे ज़मीनी स्तर पर ग्रामीण समुदायों के उद्यमशीलता और वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ावा मिलेगा।
मारुत ड्रोन्स ने कई प्रमुख पहलों के लिए धन आवंटित करने की योजना बनाई है, जिसमें ग्राहकों की ज़रूरतों के हिसाब से उन्नत कृषि ड्रोन का विकास, ग्रामीण ग्राहकों को बेहतर सेवा देने के लिए टियर 2-3 शहरों में अपने चैनल पार्टनर नेटवर्क और सेवा केंद्रों का विस्तार करना, और साझेदारी के दृष्टिकोण से ड्रोन को एक सेवा की तरह पेश करने के लिए ड्रोन कृषि सेवा केंद्र स्थापित करना शामिल है। कंपनी का लक्ष्य सभी क्षेत्रों में पेशेवरों की भर्ती करना, ड्रोन उद्यमिता को बढ़ावा देना, कुशल पेशेवरों को प्रशिक्षित करने के लिए 17 नई ड्रोन अकादमियाँ शुरू करना, और भारत में अग्रणी संस्थानों के साथ साझेदारी में अपने शोध और विकास प्रयासों को बढ़ाना है ताकि डायरेक्ट बीजारोपण और फसल नियंत्रण जैसे उन्नत अनुप्रयोग बनाए जा सकें।
लोक कैपिटल के निदेशक हरि कृष्णन ने इस परिवर्तनकारी निवेश के लिए अपना उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, “हम किसानों और व्यापक ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए विभिन्न समाधान लाने के उद्धेश्य से मारुत की टीम के साथ साझेदारी करके उत्साहित हैं। कृषि के लिए ड्रोन एक नई तकनीक है जो फ़सलों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकती है। साथ ही यह पानी की बचत करने, मिट्टी के स्वास्थ्य को बनाए रखने, रसायनों के संपर्क से बचने, किसानों के लिए उपज बढ़ाने और ग्रामीण-स्तर के उद्यमियों को आय प्रदान करने में भी मदद कर सकती है। कंपनी में हमारा निवेश बाज़ार विस्तार, नई प्रौद्योगिकी नवाचारों और स्वदेशी विनिर्माण प्रयासों में सहायता करेगा।”
मारुत ड्रोन्स के सीईओ और सह-संस्थापक प्रेम कुमार विस्लावत ने कहा, “हम इस पूंजी को जुटाने और समान विचारधारा वाले निवेशकों को साथ लाने को लेकर उत्साहित हैं। यह महत्वपूर्ण निवेश भारतीय किसानों को सशक्त बनाने और विभिन्न क्षेत्रों में संस्थानों के लिए ड्रोन-आधारित सेवाओं को एकत्रित करने के लिए उपयोग विकसित करने की मारुत ड्रोन्स की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। यह नई पूंजी हमें अपनी टीम बनाने, अपनी विनिर्माण क्षमता को बढ़ाकर 3000 ड्रोन प्रति वर्ष करने, और अगले पांच वर्षों में 1000 करोड़ के रेवेन्यू लक्ष्य तक पहुँचने के लिए तीव्र गति से आगे बढ़ने के लिए मार्केटिंग में निवेश करने की सुविधा प्रदान करेगी।“
प्रेम कुमार विश्वनाथ, सूरज पेड्डी और साई कुमार चिंथाला द्वारा 2019 में स्थापित, मारुत ड्रोन का लक्ष्य पूरे भारत में उपस्थिति स्थापित करना है, और इस प्रकार कंपनी को विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में कृषि को आधुनिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की स्थिति में लाना है। जहां कृषि एक प्राथमिकता बनी रहेगी, वहीं मारुत ड्रोन आपदा-प्रबंधन और निगरानी-अनुप्रयोगों का भी अन्वेषण कर रहा है, जिससे एक व्यापक ड्रोन प्रौद्योगिकी प्रदाता के रूप में इसकी भूमिका मज़बूत होगी। मारुत टियर 2 और 3 शहरों के लिए ग्रामीण रोज़गार के अवसर पैदा करने, किसानों की उत्पादकता बढ़ाने और इनपुट लागत कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
कंपनी में टीम के सदस्यों की संख्या बढ़कर 200 से अधिक हो गई है और इसके पास भारत के 14 राज्यों में 750 ड्रोन और 1000 से अधिक ड्रोन पायलटों का फ़्लीट है। मारुत के एजी365एच भारत के पहले डीजीसीए अनुरूपता प्रमाणित मीडियम कैटेगरी मल्टी-यूटिलिटी कृषि और मछली आहार ड्रोन का हाल ही में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और भारत के सिविल एवियेशन मंत्री ने उद्घाटन किया। मारुत ड्रोन्स अपनी सभी व्यावसायिक गतिविधियों – ड्रोन बिक्री, ड्रोन सेवा और ड्रोन प्रशिक्षण के लिए उद्यमी व्यक्तियों, कृषि उद्यमियों, बड़ी कृषि इनपुट कंपनियों, कृषि उपकरण निर्माताओं, कृषि खुदरा विक्रेताओं/डीलरों/वितरकों से भागीदारी आमंत्रित कर रहा है, ताकि वे भारतीय कृषि उद्योग में क्रांति लाने की अपनी यात्रा में शामिल हो सकें।